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बिहार में कोरोना का कहर

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बिहार में बहार है , कोरोना का कहर है ।    देश में इस महामारी में सबसे पहले बिहार का नाम वहां जाते मजदूरों से चर्चित हुआ ।  लोगों को तब पता चला कि बिहार के कितने लोग बिहार से बाहर जाके मजदूरी , पढ़ाई और बाकी तरह कि नौकरी ( जिसे मजदूरी की संज्ञा में रख ही सकते है ) करते है ।     लोगों के मन में सवाल आना लाजमी था कि यहां तो सुशासन की सरकार है जो सरकार सभी जगह बिहार के बारे में ये बात कहते सुनी जाती है कि बिहार में उसने जंगल राज का खात्मा किया । अब ये बात अलग है कि लालू यादव के परिवार को जंगल राज कह रहे थे या उनके सरकार के द्वारा किए गए कार्य को । यहां पर तो विरोधाभास है क्युकी अगर सुशासन बाबू ये बोलते है कि लालू जी के परिवार को हटाना ही जंगल राज हटाना है तो साहब इसी परिवार के साथ हमने आपको कुर्सी के लिए गलबहियां करते देखा है और सरकार चलाते भी तो ये सवाल तो यही पर खत्म हो जाता है । अब आते है जंगल राज का सरकारी कार्य और स्थिति पर । तो साहब उद्योग के अभाव में पहले भी लोग राज्य के बाहर जाकर अपने आप को प्रवासी कहलवाते थे और आज भी कहलवाते है । उद्योग पहले भी बंद थे आज भी बंद है । खून खराबा पहले