बिहार मांगे रोजगार ( Industry in Bihar )

बिहार मांगे रोजगार 

ये आज की कहानी नहीं है ये तो बहुत दिनों से दिल में उठ रहे सवालों का बाहर निकलना है। आज इस करोना जैसी महामारी के समय में आपने पूरे देश से मजदूरों को घर जाने के लिए रोते बिलखते देखा होगा । आपने इस बीमारी से ज्यादा मजदूरों को रोड पर ,पटरी पर मरते देखा और सुना होगा ।
    आपके मन में जिज्ञासा होगी की यार ये लोग कहां से आए है और आपके यहां इतने दिनों से मजदूर , छात्र , इंजिनियर आपके राज्य में रह रहे थे । 
                कौन है ये ?? क्यों ये अपने राज्य के बदले आपके यहां आते है ???
सबका जवाब मिलेगा । 
 ये लोग बिहार से आए हुए है इसमें सिर्फ बिहारी ही नहीं यूपी के भी लोग है मगर आज हम सिर्फ बिहार से पलायन के लिए जिम्मेवार लोगों को पोल खोलेंगे। 
अकेले दिल्ली में इनकी संख्या 40 लाख है , मुंबई ,बैंगलोर,गुजरात,पंजाब में भी इनकी संख्या इसी बराबर में है । आप अपने दिल पर जब हाथ रख कर सोचोगे ना की ये लोग आपसे किस मामले में कमजोर है तो आप सोचोगे किसी भी मामले में ये आपसे कम नहीं होंगे। पूरे देश के सबसे कर्मठ मजदूर , सबसे मेघावी छात्र , सबसे कुशल इंजिनियर , सबसे ज्यादा सरकारी नौकरी पाने वाले बच्चे , रेलवे , बैंक , खदान , आई एस , आई पी एस , केबिनेट सचिव , आर्मी सभी जगह पर अपना परचम फ़ैलाने वाले के खुद के राज्य में काम नहीं है तभी तो ये आपके राज्य में है । मगर अभी जवाब कहा मिला है ?
अब आपको सिलसिलेवार एक एक कारण बताऊंगा।
आज से 15 साल पहले बिहार में लालू यादव की सरकार थी उन्होंने बिहार में 15 साल में सभी तरह के  काम किए जैसे की  अपहरण उद्योग , रंगदारी उद्योग , गुंडा टैक्स ,लेवी टैक्स । उन्होंने कोई नहीं मौका जाने नहीं दिया । बिहार में शाम को 5 बजे के बाद दुकानें बंद हो जाती थी , कोई भी उद्योग के लिए बिजली चाहिए होती थी मगर उन्होंने अपने चुनावी चिन्ह् ही लालटेन रख दिया मतलब हमने अपने बचपन उनके है चुनावी चिन्ह् पर पढ़के गुजार है । सभी अच्छे और कमाऊ उद्योगपति बिहार से बाहर की तरफ पलायन कर गए फिर भी आप सोच रहे होगे कि ऐसे आदमी ने 15साल कैसे सरकार चला ली तो ,

साहब ये बिहार है यहां पर उन्होंने जाति को इतना आपस में लड़वाया को बिहार में जाति के नाम पर वोट मिलने लगे और मूर्ख लोग इनके पीछे हो लिए । आपको आज भी ये सुनकर हसीं आयेगी की आज भी कुछ पढ़े लिखे भी इनकी पार्टी का झंडा ढोते है और उसी चुनाव चिन्ह पर गर्व करते है चाहे उनके घर में वो हो नहीं ना ।
फिर उन्होंने घोटाले शुरू लिए ,किसी भी चीज में कमी नहीं रहने दी । आपको जानकर आश्चर्य होगा कि इनकी कुछ बेटियों ने मेडिकल में टॉप किया हुआ है और आप उनकी कहीं भी सेवा नहीं ले सकते है। खुद के 2 बेटो ने तो 10 वी भी पास होने कि जरूरत नहीं समझी। खुद जब वो जेल गए तब उन्होंने अपनी बीवी को बिहार का पहला अनपढ़ मुख्य मंत्री बनाया । उन्होंने बाद में सिग्नेचर करना सीख लिया । 
फिर तो आपको हल्की हल्की सुगंध आने लगी होगी की चलो ये कारण है ।
             अरे इतना जल्दी कहा , अभी तो इनकी ही 15 साल की गुणगान हुई है ।आप सोच रहे होंगे कि ये तो 15 साल पुराने बता रहे हो आप अभी के 15 साल में क्यों नहीं सुधरा बिहार ?
 सही पकड़े आप , आपने सुना होगा , संगति का असर आदमी पर जरूर पड़ता है । तो क्या समझे कुछ नहीं ???
         थोड़ा थोड़ा
थोड़ा सा बता के अगले भाग्य के लिए छोड़ जाता हूं । लालू यादव के छात्र जीवन के दोस्तो का नाम था । नीतीश कुमार , रामविलास पासवान , सुशील कुमार मोदी ।
             अगला इनपर ।

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