लॉकडाउन 30 साल का


 30 साल बिहार बेहाल 

सम्राट अशोक का बिहार , चाणक्य का बिहार , गौतम बुद्ध का बिहार , शेरशाह सूरी का बिहार , महान गणितज्ञ का बिहार , मशहूर कवियों का बिहार , पाटलिपुत्र वाला बिहार , देश में सबसे प्रतिभाशाली युवाओं का बिहार , आईएएस की फैक्ट्री बिहार , बक्सर के पावन इतिहास का बिहार , आरा के संघर्ष का बिहार , मिथिलांचल की पावन रीति रिवाज का बिहार , गया के बोध का बिहार , राजगीर की पावन छटा का बिहार , कैमूर की पहाड़ियों का बिहार , क्रांतिकारी भोजपुर का बिहार , चंपारण के आंदोलन का बिहार ,गुरु गोविंद सिंह का बिहार , सीता माता का बिहार , भगवान महावीर का बिहार , मुज्जफरपुर की लीची का बिहार , कोशी की फसल का बिहार , सीमांचल के इतिहास का बिहार , एक ही परिसर में मंदिर मजार का समस्तीपुर का बिहार , नालंदा के पढ़ाई का बिहार । 

    अब कहां रहने दिया पहले जैसा हमारा बिहार 

अब तो नालंदा में टूटे हुए खंडहर का बिहार , मूज्जफरपुर में बीमारी से मरते छोटे बच्चो का बिहार , बाढ़ में डूबे कोशी का बिहार , महान गणितज्ञ को दर दर की ठोकरें खाते देखने का बिहार , जाति वाद में बिहार के युवाओं को डूबते देखने का बिहार , बेरोजगारी के लिए दूसरे राज्य में दर दर की ठोकरें खाते युवाओं का बिहार , अस्पताल में बिना इलाज का बिहार , अनपढ़ और अपराधी नेताओं का बिहार , भ्रष्ट्राचार में डूबा हुआ बिहार , बाढ़ राहत के नाम पर लूट का बिहार , खोखले वादे का बिहार , परिवार वाद का बिहार । 

सवाल अभी बहुत सारे है ।

* देश में कोचिंग संस्थान का आज के अर्थव्यवस्था में बहुत योगदान है , आपने कोटा में इंजीनियर और डॉक्टर वाले , दिल्ली में आईएएस वाले कोचिंग का नाम सुना होगा और आपको पता है सबसे ज्यादा बच्चे बिहारी और सबसे ज्यादा शिक्षक भी बिहारी । मगर सवाल यही कोचिंग बिहार में क्यों नहीं ।
* देश में सभी जगह की फैक्ट्री में लोग बिहार के मजदूर को लेना चाहते है उनकी काबिलियत और ईमानदारी के कारण , आज देश के दूसरे राज्य उद्योग से अमीर हो गए है तो उसके पीछे बिहारी मजदूर है मगर अपने बिहार में इनका उपयोग क्यों नहीं ?
* इंजीनियरिंग पढ़ने वाले लिस्ट में सबसे ज्यादा संख्या में बिहारी आयेंगे मगर बिहार में नहीं बाहर जाके फिर सवाल आयेगा की अपने घर पर क्यों नहीं पढ़ाई ?
* अस्पतालों में इलाज के अभाव में यहां बच्चे मर रहे है इस दशक में और मंत्री साहब को आईपीएल के स्कोर जान ने की बैचैनी रहती है ।
* बाढ़ से बचाने के नाम पर कितनी बार चुनाव हुए मगर किसी सरकार ने बाढ़ के राहत को छोड़कर किसी भी बाकी चीज में हाथ नहीं डाले । 
* इस महामारी में तो इनकी तैयारी कि कलई खुल गई । लग रहा था कि लॉक डाउन में बिहार सरकार सुविधा बढ़ाने में व्यस्त होगी मगर पता चला सरकार तो चुनाव में व्यस्त है । 
* डॉक्टरों को किट उपलब्ध नहीं करवा पाई सरकार जिसके फलस्वरूप सिविल सर्जन से लेके कितने ही डॉक्टर इस महामारी के शिकार हो गए ।
* प्राथमिक शिक्षा के नाम पर शिक्षकों की बहाली होती रही ना उन्हें ट्रेनिंग दिया गया ना उन्हें सुविधा दी गई और उन्हें नौकर की तरह कभी मुख्यमंत्री के द्वारा धमकी दी गई कभी चपरासी के समान वेतन ।
* विश्वविद्यालय की तो बात ही ना करें , नियमित क्लास आपको कोचिंग में देते दिखेंगे अध्यापक 
* प्रतियोगिताएं की तैयारी आप बिहार में करने की सोच नहीं सकते , पहले तो परीक्षा में पेपर आउट होगा , फिर रिजल्ट में घोटाला होगा ।
एक जिले के लोगों का ही चयन होगा सिर्फ ।

अब कुछ वर्तमान सरकार की बातें 

पिछले 15साल के सरकार की उपलब्धियां सिर्फ यही है कि मुख्यमंत्री से लेके , उनके अपने ही भाषण को पेपर से कटिंग निकाल कर सोशल साइट पर पोस्ट करने वाले उप मुख्यमंत्री नहीं पहचाने अरे वही जिनको आप पिछले बाढ़ में जनता को छोड़कर नाव से भागते हुए देखे थे याद आया  , तो अब आते है उपलब्धियां पर , एक ही बताएंगे की हमने 15 साल से ज्यादा काम किया है , जंगल राज खत्म कर दिया है । बिजली , सड़क , पानी हमने दिया है ।
पहले तो जंगल राज पर बात होगी नहीं तो लोग समझेंगे की हम जंगल राज वाले है ।
एक जवाब में सवाल खत्म जंगल राज अच्छा ही लगता तो ना उन्हें हटाते और ना ही दूसरे को चुनते । 
अब 15 साल में गंगा में कितना पानी बह गया और आप अभी तक जंगल राज का डर दिखा के ही वोट लेंगे क्या ?
 अब आते है आपके सड़क पर क्युकी पिछले 15 साल में तो आपकी यही उपलब्धि है तो सुनिए रोड तो बनाए आपने मगर अब वहां पर झील है । आपके एक आईटी सेल वाले ने इसपर जवाब दिया कि रोज रोज थोड़े ही बनाएंगे रोड ।
सिर्फ ऑडिट रिपोर्ट निकाल लीजिएगा आपके प्रधानमंत्री सड़क योजना पर जहां पर 5 साल तक आपके ठेकेदार साहब को रोड की देखभाल करना था मगर आप अपना देखभाल से फुर्सत दीजिएगा तब ना।
अब आइए बिजली पर , अभी आंधी , बादल आए क्या आसमान में कि बिजली गुम ।
बिजली के रेट पर आया नहीं हूं नहीं तो आप दूसरे राज्य के सामने मुंह नहीं दिखा पाओगे । बिजली के तार , पोल सब ठीक करवाएंगे क्या 15 साल के बाद  । अच्छा वो आपकी जिम्मेदारी थोड़े ही है ।
अब आता हूं जल योजना पर , इस मामले में आपने दिल जीत लिया , मतलब हमलोग ने पीने के लिए जल मांगा था आपने तो शराब की तरह घर में डूबने के लिए होम डिलीवरी करवा दी । अरे हमलोग का छोड़िए वो आपके प्रिय कटिंग वाले उप मुख्यमंत्री जी के घर में भी पानी ठेल दिए ।

अच्छा अचरज कि बात बिहार में क्या है पता आपको । 
देश के बाकी राज्यों में बड़े बड़े साइंस पार्क से लेके आईटी पार्क , उद्योग , विश्विद्यालय खोलने पर गर्व की बात होती है ,मगर हमारे यहां पेपर ,न्यूज में मुख्यमंत्री साहब क्या बोलते है कि उन्होंने इस बार बिहार में नालो की उड़ाही करवाई है 😂 ।

समाधान क्या है ?

सबसे पहले मै देश के सबसे ज्यादा राजनीति में बुद्धिशील बिहार के युवाओं से हाथ जोड़कर विनती करता हूं कि इस बार के चुनाव में जातिवाद के मकड़ी जाल में ना फसे।  जो नेता आपको आपकी जाति याद करवाने आए उनसे सिर्फ एक सवाल कीजिए की उन्होंने अपने परिवार छोड़कर कितने अपने जाति के युवाओं को रोजगार दिया । सिर्फ चुनाव के समय जाति क्यों याद आई।
अनपढ़ , आपराधिक छवि वाले नेताओं को 500 रुपए और शराब के नाम पर ना चुने आपके लिए वो सबसे बड़ा काल है । अगले 5 साल वो आपसे संपर्क नहीं करेंगे क्युकी उन्होंने आपको 500 और शराब पर खरीद लिया है ।
जंगल राज का डर दिखा के वोट पाने वाले नेताओं से उनके किए 15 साल का रिपोर्ट मांगे । रोजगार के नाम पर आने वाले नेताओ से पूछिए कि कितनी फैक्ट्री बंद हुई और कितनी चालू हुई ।
रोड के नाम पर वोट मांगने वाले नेताओ से पूछिए कि पूल बनते ही टूट क्यों रहे है । रोड पर समुद्र जैसा मज़ा क्यों दे रहे है ।
शराब बंदी के नाम पर वाह वाही लूटने वाले नेता जी से पूछिए कि अपने नेताओं का एक बार टेस्ट करवा ले असलियत पता चल जाएगा ।
सुशासन  बाबू जैसा नाम रखने से अगर बिहार में रोज होते हुए मर्डर , अपहरण , रेप , डकैती जैसा जंगल राज वाला 15 साल पुराना अनुभव खत्म क्यों नहीं हुआ ।

मै युवा से सिर्फ यही अपील करता हूं आप जाति , धर्म से ऊपर उठकर एक बार 30 साल के किए हुए कार्य और उनके वादे याद रखे ।
हम सब अपने धर्म को मानने वाले है । हम सब पूजा करते है और और हम सबको अपने धर्म पर गर्व होना चाहिए मगर इसको हम राजनीतिक मुद्दा नहीं बना सकते । पहले हमें रोजगार चाहिए , शिक्षा , स्वास्थ्य चाहिए ।

अब आपके सामने विकल्प है जिसका हम रोना रोते रहे इतने दिन ।
एक बार आंख खोलिए और एक बार मौका दीजिए । इस बार बिहार में पिछले 30 साल का लॉक डाउन खत्म कर दीजिए ।
   आपका आभार । 
मजेदार विडियो अंतिम में हसीं दिलाने के उद्देश्य से ।
जय बिहार तय बिहार 
#30 Years Lockdown


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