प्रथम चरण (को - कोई , रो - रोड पर , ना - ना निकले )
इस दूसरे लेख में , आपको जनता कर्फ्यू के बाद की कहानी बताऊंगा। 22 मार्च की वो सुहावनी शाम जिसे हम सबने थाली और ताली के साथ कोरोना को भगाने को जो सोच मोदी जी कहे के पूरे विपरीत रखी थी उस से मोदी जी तो जरूर दुखी होंगे मगर हमलोग तो मस्त खाना पीना कर के सो गए । " बकरे की मां कब तक खैर मनाएगी " ये कहावत हमलोग को सिर्फ खाने के समय याद आता होगा । हम भारतीय अपने ऊपर आने वाला काल को अभी तक पहचान नहीं पा रहे थे लेकिन हमारे सबके लाडले मोदी जी ने इसे समझ लिया था कि उन्हें कैसे बचाना है अपने देश को और उन्होंने जनता कर्फ्यू कर के उसे समझ भी लिया था कि उन्हें किस चीज पर लोगो को जागरूक करना पड़ेगा। खैर आई वो रात मोदी जी आए और क्या कहे पहले आप इस वीडियो संदेश में सुन लीजिए फिर मैं बताऊंगा। जिस समय मोदी जी टीवी पर आकर हम सबको बता रहे थे उस समय देश में 500 से ज्यादा केस हो गए थे इस चीन निर्मित वायरस से । अब इस समय जो मोदी जी ने एक बहुत बड़ा संदेश दिया और उस संदेश के पिछे हम भारत वासियों की मानसिकता थी जो मोदी जी भली भांति जान गए थे क्युकी हम सब तो फुंसी से बवासीर बनाने में माहिर है स...
Waah 👌
जवाब देंहटाएंReality 👆
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