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कारगिल दिवस ( देश प्रेम का दिखावा)

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 " दर्द हो रहा होगा शीर्षक देखकर"    होना भी चाहिए , हम सबको होना चाहिए क्यों न हो ??? पहले आज आप सबको , उनको भी जिन्होंने आज के दिन अपने कितने अरमानों , सपनों , हकीकत की कुर्बानी देके आज के दिन पर हमें फेसबुक , व्हाट्सएप , इंस्टाग्राम पर प्रोफाइल फोटो बदलने का मौका दिया था विजय दिवस पर विशेष शुभकामनाएं। आप के मन में आयेगा लेखक कुंठित है मगर क्यों न हो आप सबके तरह लेखक भी उनका अपराधी है जिनके शहीद परिवारजनों को हमसबके द्वारा सिर्फ आज के दिन ही श्रद्धांजलि दी जाती हो। दोष क्या था उनका ?   क्यों उनके बच्चे अपने पिता , पत्नी अपने पति , मां बाप अपने बेटे , बहन अपने भाई , भाई अपने भाई के नाम के आगे स्वर्गीय लगाते है । क्या 120 करोड़ जनसंख्या वाला देश के ठेकेदार वहीं है । कितनी सुविधा देते है हम सब उनको । एक चोर उचक्का आपके यहां का विधायक , सांसद बन जाता है उनका बंगला जाके देखिए उनकी सुविधा जाके देखिए और उनकी सुरक्षा देखिए जबकि ऐसे लोगों को सुरक्षा की नही उनसे लोगों को सुरक्षा की जरूरत होती है।     सरकार किसी की भी हो ऐसे लोग सब जगह मिलेंगे क्योंकि हम अपने पड़ोस में इनके विरुद्ध आव

कोरोना की दूसरी लहर

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 लहर या लापरवाही :  पूरे देश में फिर से कोरोना की दूसरी लहर आ गई है या हम सबने लापरवाही बरतना शुरू कर दिया है । पिछले बार भी इस महामारी ने देश के मध्यम वर्ग को सबसे ज्यादा झकझोरा था आप को लगा होगा की हमने गरीब लोगों की चर्चा नहीं की मगर आपने देखा होगा की उन्हें सरकार के द्वारा भी राशन , रसोई गैस की सुविधा प्रदान की गई थी । मगर मध्यम वर्ग को सरकार के द्वारा ना कोई राहत प्रदान की गई उल्टे उनकी नौकरी चली गई , छोटे छोटे उद्योग बंद हो गए । स्कूल , कोचिंग में कार्यरत लोगों को बेरोजगार होना पड़ गया । एक बार जब उनके उपर से लॉक डाउन का पहरा हटा सब अपने पेट भरने की और चल पड़े ।               लोगों की भीड़  बाजार से लेके धार्मिक स्थल सभी जगह होने लगी । लोगों को लगने लगा की अब इस महामारी में ही जीने की आदत बनानी होगी यहीं पर लोगों ने गलती करना शुरू कर दिया । मास्क , सफाई सब ताक पर रख दिए गए ।         सोचने की बात ये है की मास्क लगा के रहने पर भी इस बात की गारंटी नहीं है की आप इस बीमारी से बच जायेंगे क्योंकि सरकार और देश का स्वास्थ्य मंत्रालय खुद दुविधा में है की मास्क कौन सा सुरक्षित है और कौन सा

बंगाल चुनाव ( ममता या मोदी या बंगाली अस्मिता )

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  जीत या हार : बंगाल चुनाव दोनों मुख्य पार्टी के लिए प्रतिष्ठा का विषय बन गया है मगर वहां जीत कौन रहा है और हार किसे मिल रही है ।             जीत भी बंगाल रहा है और हार भी बंगाल को ही मिलेगी । मगर इज्जत भी बंगाल की लूटी जा रही है । कभी बंगाली को नक्सल बताया जाता है कभी बांग्लादेशी , कभी बूथ लुटेरा तो कभी गुंडा । आजकल के बच्चे से भी पूछ लोगे की आप बंगाल के बारे में क्या जानते हो तो वो बंगाल की खूबियां नही सिर्फ बुराई ही बता पाएगा । अपने आप को राजनीति का स्तर ऊंचा करने वाली बताने वाली पार्टी ने इस कार्य को बखूबी अंजाम दिया है । चुनाव को नकारात्मक बना दिया गया है । कभी गोत्र , कभी धर्म इसी पर चुनाव टिक गया है । मै हालांकि किसी भी पार्टी का समर्थक नही हूं इस चुनाव में । मगर आपने देखा होगा की अपने आप को बेटी बचाओ का नारा बुलंद करने वाली पार्टी आज एक औरत का सबसे ज्यादा इज्जत उछाल रही है ।  हालंकि ममता बनर्जी के शासनकाल में बीजेपी समर्थित कार्यकर्ताओं की बहुत सारी हत्या हुई है और उसकी जिम्मेदारी भी मुख्यमंत्री को भी लेनी होगी , उनके इतने दिनों के शासनकाल में कितने उद्योग लगे ,किसानों का जीवन

बिहार चुनाव ( बिहार में चुनाव बा ) दूसरा भाग

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 बिहार में चुनाव बा बोले थे ना आप लोगो से कि दूसरा भाग में आग लगा देंगे ।  पहले लाल बहादुर शास्त्री जी को शत शत नमन । अब फेर आप लोग मन नौ पांच होने लगे उस से पहले बता दे हमको पता है और आज क्या है मगर हम त पहले ही बोले थे आपको की सच्चे नेता का पता बताएंगे जो सब भूल चुके है ।     चलिए बहुत ज्ञान वर्धक बात हो गई अब थोड़ा थेथरई शुरू करते है ।       अच्छा एगो बात बताइए ये जो 15 साल पहले वाले खानदान के मुख्यमंत्री उम्मीदवार और तटका 15 साल वाले मुख्यमंत्री इ चुनाव क्यों नहीं लड़ते है एक जगह से ।         अब जैसे एगो पार्टी आई जो कहर मचैले है , जो सब बिना दाग वाले को , पढ़े लिखे को , असली नेता को टिकट दे रही है । उनके पार्टी अध्यक्षा महिला है । अब इ बात का बोलने का कौन जरूरी था अरे हम लोग पतित है ई बात भी मान लीजिए कैसे तो सुनिए , हम देख रहे है इ कुछ नौजवान सब कोई कपड़ा पर सवाल पूछ रहा है कोई कैसे करेंगे काम उस पर । ईको बार एकर कल्ला तब क्यों नहीं अलगा था जब अनपढ़ महिला को मुख्यमंत्री बनाया गया था रात में ।      बड़ी अपना आप के ज्ञानी समझते है तो एगो बात बताइए कौन सा संविधान के किताब में लिखा ह

बिहार चुनाव ( बिहार में चुनाव बा ) पहला भाग

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 बिहार में चुनाव बा , केकरे सरकार बा। बिहार में चुनाव की घंटी बजी और पार्टियों की दल बदल की शुरुआत हो गई ।         तनी एगो दूगो सवाल है , फेर मुंह मत लटका लीजिएगा सवाल सुनके की आप खाली सत्ता पार्टी के पीछे पड़े रहते है । कहीं हमारे देश भक्त होने पर सवाल मत उठा दीजिएगा । सवाल हमारा ये है कि आपके पास जवाब नहीं होगा । चलिए फिर भी पूछ लेते है गलती हमर नहीं है बेरोजगार बना के रखें है आप पढ़े लिखे होने के बाद भी तो मोबाइल पर गरिया दे मन भर आपको। डर लगता है तनी आपके विधायक सब थापर भी मारते देखे गए है दरभंगा में बेचारे पत्रकार को धोप दिए । चलिए ऐसे कुटाए भी है आपके विधायक , मंत्री भी ।       अच्छा मुख्यमंत्री चचा एगो बात बताइएगा वो डीएनए वाला मैटर सॉल्व हो गया है कि पंचायती आर करवाए । जवाब नहीं दे रहे है चचा आप तो अच्छा कहीं मिट्टी में तो नहीं मिल गए , ना उ वाला मिट्टी में मिलना नहीं भैया उ जो बोले नहीं थे कि मिट्टी में मिल जाएंगे मगर ... । समझ ही गए होंगे । चचा ए बात बताइए ऐसा कैसे कर लेते है आप सब , अगर 2014 में मोदी जी गड़बड़ थे तो 2017 में अच्छे कैसे हो गए , छोटका मोदी के बारे में नहीं भक

लॉकडाउन 30 साल का

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 30 साल बिहार बेहाल  सम्राट अशोक का बिहार , चाणक्य का बिहार , गौतम बुद्ध का बिहार , शेरशाह सूरी का बिहार , महान गणितज्ञ का बिहार , मशहूर कवियों का बिहार , पाटलिपुत्र वाला बिहार , देश में सबसे प्रतिभाशाली युवाओं का बिहार , आईएएस की फैक्ट्री बिहार , बक्सर के पावन इतिहास का बिहार , आरा के संघर्ष का बिहार , मिथिलांचल की पावन रीति रिवाज का बिहार , गया के बोध का बिहार , राजगीर की पावन छटा का बिहार , कैमूर की पहाड़ियों का बिहार , क्रांतिकारी भोजपुर का बिहार , चंपारण के आंदोलन का बिहार ,गुरु गोविंद सिंह का बिहार , सीता माता का बिहार , भगवान महावीर का बिहार , मुज्जफरपुर की लीची का बिहार , कोशी की फसल का बिहार , सीमांचल के इतिहास का बिहार , एक ही परिसर में मंदिर मजार का समस्तीपुर का बिहार , नालंदा के पढ़ाई का बिहार ।      अब कहां रहने दिया पहले जैसा हमारा बिहार  अब तो नालंदा में टूटे हुए खंडहर का बिहार , मूज्जफरपुर में बीमारी से मरते छोटे बच्चो का बिहार , बाढ़ में डूबे कोशी का बिहार , महान गणितज्ञ को दर दर की ठोकरें खाते देखने का बिहार , जाति वाद में बिहार के युवाओं को डूबते देखने का बिहार , बेर

अयोध्या में राम ( जय श्री राम )

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सबके पूर्वज हमारे राम सनातन धर्म के लिए ऐतिहासिक दिन आज सिर्फ श्री राम । सौभाग्य शाली है हम सब जो आज का दिन देख रहे है ।                 राम लला हम आयेंगे मंदिर वहीं बनाएंगे । बचपन से सिर्फ ये नारा सुना था आज ये सपना सच हो गया । इस देश की विडंबना है कि जिस देश के निर्माता राम , जिसके पूर्वज राम , जिस देश के संविधान पर राम , जिस देश के हर बच्चे के मुंह पर राम , जिस देश में महामारी में सिर्फ राम - राम उसी देश में राम जी के पवित्र स्थान पर उनके घर को बनने नहीं दिया गया इतने साल।                  और आज भी ये धमकी मिल रही है कि हम ये कर लेंगे वो कर लेंगे , बदला लेंगे । अरे मूर्खो अपना इतिहास निकालो तुम भी हमारे ही हो । आज कुछ हिंदू धर्म में ही लोग राम जी के मंदिर पर बवाल कर रहे थे उन्हें बता दू तुम लोग तो ज्यादा दूर मत जाओ तुम्हारे तो बाप दादा ही हमारे थे ।      अच्छा एक और बात पर आपने ध्यान दिया है कि इतने साल राम जी को काल्पनिक बताने वाले भी आज पोस्ट डाल रहे है कि सबके राम । अरे सही बोल रहे है आप सबके राम , चावल की बोरी पर बिकने वाले के भी राम ।        और एक बूढ़ाढी में घृतधारी वाला ढोंगी